कल शाम मैं अपने ३ साल के बेटे विभू के साथ खेल रही थी. दिवाली के बाद जले हुए दिए इकट्ठा करके वो अक्सर ही खेलता है तो कल मैं भी शामिल हो गई उसके खेल में. मैंने दियो से एक के ऊपर एक रख कर ऊंचा सा एक आकर बनाया और और अपने बेटे से कहा "देखो..मैंने टेम्पल (मंदिर) बना दिया.." मेरा बेटा खुश हुआ उसे देख कर फिर कुछ सोच कर उसने सबसे सामने वाला दिया अपने जगह से हटा दिया और अपने पीछे रख लिया. मैं समझने की कोशिश ही कर रही थी कि ऐसा क्यों किआ उसने, उसने उत्सुकता से बोला "मम्मा.. अब मैं टेम्पल के अंदर आ गया.. अब पंडित जी मेरी शादी करवा देंगे.." मैं तो सन्न हो गई एकदम. ३ साल का बालक और शादी की बातें. फिर मैंने उससे पूछा " पंडित जी शादी करवाते है क्या?" मेरे बेटे ने सर हिलाते हुए जवाब दिया "हाँ .. पंडित जी शादी करवाते है और फिर वापस अपने घर चले जाते है.." मुझे हसीं आ गई उसकी बात पर.
फिर मैंने सोचा इससे पता करती हूँ कि शादी के बारे में इसे किसने बताया. क्यूकि आज तक मैंने उससे शादी के बारे में कोई बात नहीं की. और मेरा बेटा सीधे पंडित जी तक पहुंच गया तो मैं अधीर हो गई जानने के लिए कि उसे किसने बताया ये सब. ३ साल के बच्चे के लिए शादी और मंदिर को जोड़ कर बोलना अटपटा भी था. ऐसा तो टीवी सेरिअल्स में ही आता है कि मंदिर में जाकर लोग शादी कर लेते है लोग. पर ना तो मैं और ना मेरा बेटा ऐसा कोई भी टीवी शो देखते है.
मैंने अपने बेटे से पूछा "शादी क्या होती है विभू..? "
जवाब मिला मुझे "शादी से बेस्ट फ्रेंड बनते है.."
फिर मैंने अगला सवाल किया उससे "आप किससे शादी करोगे..?"
बेटे ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया "आप से..."
अब मैं अपनी हंसी रोक नहीं पा रही थी. मेरा ३ साल भोला बालक शादी करना चाहता था अपनी मम्मा से. मैंने भी थोड़े मज़े लेने के लिए उससे कहा "पहले बुआ की, फिर चाचा की, फिर भैया की, फिर दीदी की शादी होगी.. फिर आपकी टर्न आएगी शादी की.." और इस लाइन में मैंने कई बुआ लोगो, चाचा लोगो, जिन्हे मेरा बेटा जनता है उनके नाम जोड़ दिए. पूरी लाइन इतने नामो के साथ काफी लम्बी हो गई थी. इसे सुनते ही मेरा बेटा चिढ़ कर जहाँ हम खेल रहे थे वहाँ से उठ कर पास के काउच पर फ़ैल गया. ये उसका गुस्सा दिखाने का तरीका है. जब कोई बात उसे अच्छी ना लगे तो वो तुरंत काउच में घुस जाता है और मुँह अंदर की तरफ करके बड़ बड़ करने लगता है. अपनी काफी दूर दिखती शादी का सुन कर भी उसने ऐसा ही किआ. मैं हॅसते हॅसते उसके पास पहुंची और उससे पूछा "विभू, आप गुस्सा क्यों हो गए..?" उसके एक आँख से मेरी तरफ देखते हुए कहा "आपने ऐसा बोला था.. शादी का.. " मैं समझ तो गई ही थी कि क्या कहना चाह रहा था वो. वो तो अभी ही शादी करना चाहता था और मैंने नामो की झड़ी लगा दी थी कि इनके बाद उसका नंबर आएगा तो वो गुसा हो गया था.
मैं हंस हंस कर उसे और चिढ़ा रही थी. फिर मैंने कहा "अच्छा ठीक है.. पहले आपकी शादी होगी.." ये सुनते ही वो काउच से उठ कर मेरे पास आ गया. उसे गोद में लेकर मैंने कहा "पर विभू, मम्मा की तो शादी हो चुकी है पापा से..फिर आप मुझसे शादी कैसे करोगे?.. " उसने सोच कर बोला "तो मैं ताऊ जी से शादी कर लूंगा.." ताऊ जी विभू के फेवरेट है पूरे परिवार में. तो मैंने फिर उसे हस्ते हुए जवाब दिया "अरे ताऊ जी की भी हो चुकी है शादी ताई जी से..." ये सुन कर वो चुप रहा थोड़ी देर और फिर हंस कर बोला "तो मैं गरिमा और भारती से शादी कर लूंगा.." गरिमा और भारती के बारे में आपको बताऊ तो आप भी हंस पड़ेंगे. गरिमा और भारती दोनों मेरे ऑफिस बस में आती हैं. वो भी वही काम करती है जहा मैं. ३ साल के विभू को २५ साल के करीब की गरिमा और भारती दोनों से बड़ा लगाव है. मेरे ऑफिस में daycare है बच्चो का तो मैं अपने बेटे को अपने साथ ही ऑफिस ले जाती हूँ. वो बस में रोज गरिमा और भारती से मिलता है. और समय के साथ गरिमा और भारती उसके बेस्ट फ्रेंड है अब. तीनो यानी गरिमा, भारती और विभू, बस की सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ कर खूब मस्ती करते है आते जाते समय. तीनो खूब हसते है बेमतलब और बाकी बस के लोग इन तीनो की हरकते देख कर हँसते रहते है. सच तो ये है गरिमा और भारती भी विभू को खूब स्नेह करते है. इसलिए तो ३ साल के विभू मास्टर मम्मा के पास नहीं गरिमा और भारती के पास बैठते है बस में रोज.
वैसे बच्चो के लिए शादी की बात करना कोई नया नहीं है. अपने बचपन का तो याद नहीं है पर मेरे चाचा की बेटी, मीनू, बचपन में शादी की बातें खूब करती थी. वो अपने पापा से शादी करना चाहती थी. और उसकी विश लिस्ट में शादी की पूरी खरीददारी थी. उसे नए कपड़ो और चमकते गहनों के लिए शादी करनी थी. जब वो ४ साल की थी तो हम सबके साथ परिवार की एक शादी में गई. विदाई होने के बाद हम घर वापस आए तो उनसे अपनी माँ से सवाल किआ " सीमा बुआ रो क्यों रही थी..? इतना सारा सामान तो मिला था उन्हें.. " इतना सुनते ही हम फट फट कर हॅसने लगे. मीनू अक्सर ही अपनी गुड़िआ की शादी वाला खेल खेलती थी और नौरात्रो में दुर्गा जी को चढाई जाने वाले लाल रंग की चुनरी से अपनी गुड़िया को शादी के लिए तैयार करती थी. हम खूब मज़े लेते थे उससे शादी के आस पास की बातें करके.
कल विभू (मेरा बेटा) की बात मुझे रह रह कर गुदगुदा रही तो मैंने अपने पतिदेव को बताया कि विभू आज शादी की बातें कर रहा था. और कैसे वो मुझसे ही शादी करना चाहता है वो भी जितनी जल्दी हो सके उतनी. पतिदेव भी हंस पड़े और फिर उन्होंने राज खोल दिया कि हमारा बेटा पंडित जी से शुरू हो कर शादी तक कैसे पंहुचा. विभू को रोज नई कहानिया सुननी होती है तो मेरे पतिदेव किसी भी बात को कहानी के जैसे सुना देते है उसे. इसी के चलते एक दिन उन्होंने ही शादी के बारे में बताया था विभू को. असल में अगले महीने हमारे परिवार में भी एक शादी है जिसमे हम दिल्ली से अपने पैतृक घर जाएगें. विभू जब तब ताऊ जी के पास जाने की बात करता है तो विभू के पापा ने बताया कि बुआ की शादी में जब जाएगें तो ताऊ जी मिलेंगे. यहाँ से शुरू हुआ विभू का शादी शब्द के बारे में पूछना. जो भी उसके सवालो के जवाब मेरे पतिदेव ने दिए थे वो सब बातें जोड़ कर विभू ने मुझे शादी के बारे में बोला था.
वैसे बड़ा मज़ा आया विभू के मुँह से शादी की बातें सुन कर. छोटे बच्चे भी कितने जिज्ञासु होते है और जब उन्हें नया कुछ पता चलता है तो वो उसे अपने विवेक से समझ कर दूसरे को बताते है. अब जैसे कल रात ही विभू ने अपने पापा से कहा.."मैं आपके टमी(पेट) में था ना.." चौक गए ना आप भी. इसकी कहानी अपने अगले ब्लॉग में बताती हूँ..
फिर मैंने सोचा इससे पता करती हूँ कि शादी के बारे में इसे किसने बताया. क्यूकि आज तक मैंने उससे शादी के बारे में कोई बात नहीं की. और मेरा बेटा सीधे पंडित जी तक पहुंच गया तो मैं अधीर हो गई जानने के लिए कि उसे किसने बताया ये सब. ३ साल के बच्चे के लिए शादी और मंदिर को जोड़ कर बोलना अटपटा भी था. ऐसा तो टीवी सेरिअल्स में ही आता है कि मंदिर में जाकर लोग शादी कर लेते है लोग. पर ना तो मैं और ना मेरा बेटा ऐसा कोई भी टीवी शो देखते है.
मैंने अपने बेटे से पूछा "शादी क्या होती है विभू..? "
जवाब मिला मुझे "शादी से बेस्ट फ्रेंड बनते है.."
फिर मैंने अगला सवाल किया उससे "आप किससे शादी करोगे..?"
बेटे ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया "आप से..."
अब मैं अपनी हंसी रोक नहीं पा रही थी. मेरा ३ साल भोला बालक शादी करना चाहता था अपनी मम्मा से. मैंने भी थोड़े मज़े लेने के लिए उससे कहा "पहले बुआ की, फिर चाचा की, फिर भैया की, फिर दीदी की शादी होगी.. फिर आपकी टर्न आएगी शादी की.." और इस लाइन में मैंने कई बुआ लोगो, चाचा लोगो, जिन्हे मेरा बेटा जनता है उनके नाम जोड़ दिए. पूरी लाइन इतने नामो के साथ काफी लम्बी हो गई थी. इसे सुनते ही मेरा बेटा चिढ़ कर जहाँ हम खेल रहे थे वहाँ से उठ कर पास के काउच पर फ़ैल गया. ये उसका गुस्सा दिखाने का तरीका है. जब कोई बात उसे अच्छी ना लगे तो वो तुरंत काउच में घुस जाता है और मुँह अंदर की तरफ करके बड़ बड़ करने लगता है. अपनी काफी दूर दिखती शादी का सुन कर भी उसने ऐसा ही किआ. मैं हॅसते हॅसते उसके पास पहुंची और उससे पूछा "विभू, आप गुस्सा क्यों हो गए..?" उसके एक आँख से मेरी तरफ देखते हुए कहा "आपने ऐसा बोला था.. शादी का.. " मैं समझ तो गई ही थी कि क्या कहना चाह रहा था वो. वो तो अभी ही शादी करना चाहता था और मैंने नामो की झड़ी लगा दी थी कि इनके बाद उसका नंबर आएगा तो वो गुसा हो गया था.
मैं हंस हंस कर उसे और चिढ़ा रही थी. फिर मैंने कहा "अच्छा ठीक है.. पहले आपकी शादी होगी.." ये सुनते ही वो काउच से उठ कर मेरे पास आ गया. उसे गोद में लेकर मैंने कहा "पर विभू, मम्मा की तो शादी हो चुकी है पापा से..फिर आप मुझसे शादी कैसे करोगे?.. " उसने सोच कर बोला "तो मैं ताऊ जी से शादी कर लूंगा.." ताऊ जी विभू के फेवरेट है पूरे परिवार में. तो मैंने फिर उसे हस्ते हुए जवाब दिया "अरे ताऊ जी की भी हो चुकी है शादी ताई जी से..." ये सुन कर वो चुप रहा थोड़ी देर और फिर हंस कर बोला "तो मैं गरिमा और भारती से शादी कर लूंगा.." गरिमा और भारती के बारे में आपको बताऊ तो आप भी हंस पड़ेंगे. गरिमा और भारती दोनों मेरे ऑफिस बस में आती हैं. वो भी वही काम करती है जहा मैं. ३ साल के विभू को २५ साल के करीब की गरिमा और भारती दोनों से बड़ा लगाव है. मेरे ऑफिस में daycare है बच्चो का तो मैं अपने बेटे को अपने साथ ही ऑफिस ले जाती हूँ. वो बस में रोज गरिमा और भारती से मिलता है. और समय के साथ गरिमा और भारती उसके बेस्ट फ्रेंड है अब. तीनो यानी गरिमा, भारती और विभू, बस की सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ कर खूब मस्ती करते है आते जाते समय. तीनो खूब हसते है बेमतलब और बाकी बस के लोग इन तीनो की हरकते देख कर हँसते रहते है. सच तो ये है गरिमा और भारती भी विभू को खूब स्नेह करते है. इसलिए तो ३ साल के विभू मास्टर मम्मा के पास नहीं गरिमा और भारती के पास बैठते है बस में रोज.
वैसे बच्चो के लिए शादी की बात करना कोई नया नहीं है. अपने बचपन का तो याद नहीं है पर मेरे चाचा की बेटी, मीनू, बचपन में शादी की बातें खूब करती थी. वो अपने पापा से शादी करना चाहती थी. और उसकी विश लिस्ट में शादी की पूरी खरीददारी थी. उसे नए कपड़ो और चमकते गहनों के लिए शादी करनी थी. जब वो ४ साल की थी तो हम सबके साथ परिवार की एक शादी में गई. विदाई होने के बाद हम घर वापस आए तो उनसे अपनी माँ से सवाल किआ " सीमा बुआ रो क्यों रही थी..? इतना सारा सामान तो मिला था उन्हें.. " इतना सुनते ही हम फट फट कर हॅसने लगे. मीनू अक्सर ही अपनी गुड़िआ की शादी वाला खेल खेलती थी और नौरात्रो में दुर्गा जी को चढाई जाने वाले लाल रंग की चुनरी से अपनी गुड़िया को शादी के लिए तैयार करती थी. हम खूब मज़े लेते थे उससे शादी के आस पास की बातें करके.
कल विभू (मेरा बेटा) की बात मुझे रह रह कर गुदगुदा रही तो मैंने अपने पतिदेव को बताया कि विभू आज शादी की बातें कर रहा था. और कैसे वो मुझसे ही शादी करना चाहता है वो भी जितनी जल्दी हो सके उतनी. पतिदेव भी हंस पड़े और फिर उन्होंने राज खोल दिया कि हमारा बेटा पंडित जी से शुरू हो कर शादी तक कैसे पंहुचा. विभू को रोज नई कहानिया सुननी होती है तो मेरे पतिदेव किसी भी बात को कहानी के जैसे सुना देते है उसे. इसी के चलते एक दिन उन्होंने ही शादी के बारे में बताया था विभू को. असल में अगले महीने हमारे परिवार में भी एक शादी है जिसमे हम दिल्ली से अपने पैतृक घर जाएगें. विभू जब तब ताऊ जी के पास जाने की बात करता है तो विभू के पापा ने बताया कि बुआ की शादी में जब जाएगें तो ताऊ जी मिलेंगे. यहाँ से शुरू हुआ विभू का शादी शब्द के बारे में पूछना. जो भी उसके सवालो के जवाब मेरे पतिदेव ने दिए थे वो सब बातें जोड़ कर विभू ने मुझे शादी के बारे में बोला था.
वैसे बड़ा मज़ा आया विभू के मुँह से शादी की बातें सुन कर. छोटे बच्चे भी कितने जिज्ञासु होते है और जब उन्हें नया कुछ पता चलता है तो वो उसे अपने विवेक से समझ कर दूसरे को बताते है. अब जैसे कल रात ही विभू ने अपने पापा से कहा.."मैं आपके टमी(पेट) में था ना.." चौक गए ना आप भी. इसकी कहानी अपने अगले ब्लॉग में बताती हूँ..
This was an interesting read. Little ones truly have great imagination and creativity.
ReplyDeleteSuch a beautiful post. I've heard kids this age talk about these things and it's always so amusing. Your son sounds adorable.
ReplyDeleteKids and their imagination. It is so beautiful to learn what their innocent minds think.
ReplyDeleteSuch a beautiful write up. Kids have an immense thought and imagination in abundance. Your son is very cute
ReplyDeleteLoved to read ypur blog in Hindi! Such a refreshing read! Indeed little kids are very curious and innocent. We are amazed by their activities everyday
ReplyDeleteKids are just so innocent. I am sure you will smile thinking about this conversation with your kid for many days in future.
ReplyDeleteHaha..Vibhu is so cute. I enjoy reading his stories and like the way you describe them.
ReplyDeleteHow innocent these kids are.. Lovely post and I am sure when he grows up, he will love reading these posts about him here.
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