माँ, समझ में ही नही आता कि शुरूवात कहाँ से करे क्यों कि शब्दों से ज्यादा भाव हैं इस शब्द में, जिसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता हैं। पूरी दुनिया छोटी लगती है माँ तेरे सामने..
जब हम छोटे थे, कोई भी परेशानी आती थी माँ सबसे पहले तेरी याद ही आती थी हर problem का solution था माँ के पास, बिन कहे भी वो हमारी हर परेशानी समझ जाती थी।
कितना सुकून था तेरी गोद में माँ..
कितना सुकून था तेरी गोद में माँ..
माँ के लिए दुनिया में अपनी सन्तान से अच्छा कोई नहीं होता है। एक माँ ही का दिल इतना बड़ा होता है कि वो अपने बच्चों की गलतियों को माफ़ कर सकती है।
मेरी सारी गलतियों को वो माफ़ करती हैं !
बहुत गुस्सा होकर भी वो प्यार देती हैं....!
उसके होंठो पर हमेशा दुआ होती हैं...!
ऐसा करने वाली सिर्फ और सिर्फ हमारी माँ होती हैं!
बहुत गुस्सा होकर भी वो प्यार देती हैं....!
उसके होंठो पर हमेशा दुआ होती हैं...!
ऐसा करने वाली सिर्फ और सिर्फ हमारी माँ होती हैं!
आज मैं जब खुद एक माँ हूँ, माँ आप के लिये मेरा सम्मान और भी बढ़ गया है। आज मैं आप का प्यार, दुलार और आप की डांट सब समझ सकती हूँ कि आप की डांट में भी कितना प्यार छिपा रहता था।
मैं तुम्हें शब्दों में कैसे पिरोऊँ ......माँ
मेरी परिभाषा और पहचान हो ....तुम
मेरी परिभाषा और पहचान हो ....तुम
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