मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।
जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं!!
आज हनुमान जयंती है. हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन शिव जी के ११वे अवतार के रूप में हनुमान जी का पृथ्वी पर आगमन हुआ था. और उनकाअवतरण भी एक खास मकसद से हुआ था. वो था भगवान विष्णु के अवतार श्री राम की सेवा. हनुमान जी को श्री राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है और उनकी अनन्य भक्ति के कारन ही हमेशा श्री राम के साथ हनुमान जी को भी पूजा जाता है. दोनों, भक्त और भगवान के इस रिश्ते को कई लेखो, कहानियो और ग्रंथो में बड़े ही भाव पूर्वक दर्शाया गया है.
हिन्दू धर्म की खासियत कहे कि उसमे ऐसी कई कहानियाँ है जो हमे किसी ना किसी भगवान के अवतरण के बारे में बतलाती है. और हर कहानी हमे कोई ना कोई सीख जरूर देती है. हनुमान जी को जहा एक तरफ बल, बुद्धि, साहस और विवेक के लिए जाना जाता है वही दूसरी तरह उन्हें अपने स्वामी (श्री राम) के प्रति अटूट श्रद्धा के लिए भी माना और सराहा जाता है. ऐसी श्रद्धा जिसका पूरक आज तक कोई और उदहारण ना बन पाया. उत्तर भारत में हनुमान जयंती जोरो-शोरो से मनाई जाती है. कई लोग उपवास करते है और विधिवत घरो में पूजा करते है. पर सबसे ज्यादा हनुमान जयंती पर भंडारे होते है उत्तर भारत में. लोग को भण्डारो में पूरी सब्जी के साथ मीठा शरबत भी दिया जाता है.
बच्चो में भी हनुमान जी के लिए प्यार खूब देखा जाता है. भगवान कृष्ण की बाल लीलाओ के साथ हनुमान जी की बाल लीलाये बड़ी ही मज़ेदार है और बच्चे उन्हें बड़े ही चाव से सुनते है. मेरे ३ साल के बेटे को हनुमान जी की सूर्य को निगल जाने वाली कहानी खूब पसंद है. और कई बार हम बच्चो को डर के समय हनुमान जी को याद करने को बोलते है. उन्हें हम कहानियो से ये भी बतला देते है कि हर तरह का भूत हनुमान जी से डरता है. कई बच्चे तो हनुमान जी के जैसे बलवान और बुद्धिमान बनना चाहते है.
हिन्दू धर्म के ग्रंथो में लिखा है कि भक्त और भगवान् दोनों ही हमेशा एक दूसरे के ऋणी रहते है. भक्त जितनी निस्वार्थ सेवा करते हैं दूसरो की, भगवान उतना ही प्रसन्न हो अपने श्रद्धालु को खुश रखते है. और भगवान् की जितनी कृपा अपने श्रद्धालुओ पर रहती है, वो भी उतनी ही सेवा और भक्ति से भगवान् को खुश करने की कोशिश करते है. इसी मान्यता से हिन्दू धर्म में जरूरतमंद लोगो की मदद करने को बड़ा अच्छा माना जाता है. मानव सेवा को प्रभु सेवा कहा जाता है और इसी वजह से लोग दान और भंडारे करते है. हनुमान जयंती पर भी भंडारे में लोगो को खाना और गर्मी से बचाने के लिए शरबत दिया जाता है.
अगर आप अपने घर पर ही छोटा का कुछ काम करे जिससे किसी की सेवा हो और जरूरतमंद की मदद हो तो आप भी हनुमान जयंती की महत्ता का निर्वाह कर सकते है. अपने बच्चो के साथ कुछ ये छोटे छोटे काम करे आज के दिन :
१. पंछियो के लिए दाना और पानी रखे.
२. आस पास के पेड़ो में पानी दे.
३. किसी गरीब की मदद करे.
४. किसी जानवर को खाना खिलाये.
५. बच्चो को बताये कि दूसरो की मदद करने से बड़ा कोई और काम नहीं है दुनिया में. वही सबसे बड़ी भक्ति है ईश्वर की.
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।
जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं!!
आज हनुमान जयंती है. हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन शिव जी के ११वे अवतार के रूप में हनुमान जी का पृथ्वी पर आगमन हुआ था. और उनकाअवतरण भी एक खास मकसद से हुआ था. वो था भगवान विष्णु के अवतार श्री राम की सेवा. हनुमान जी को श्री राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है और उनकी अनन्य भक्ति के कारन ही हमेशा श्री राम के साथ हनुमान जी को भी पूजा जाता है. दोनों, भक्त और भगवान के इस रिश्ते को कई लेखो, कहानियो और ग्रंथो में बड़े ही भाव पूर्वक दर्शाया गया है.
हिन्दू धर्म की खासियत कहे कि उसमे ऐसी कई कहानियाँ है जो हमे किसी ना किसी भगवान के अवतरण के बारे में बतलाती है. और हर कहानी हमे कोई ना कोई सीख जरूर देती है. हनुमान जी को जहा एक तरफ बल, बुद्धि, साहस और विवेक के लिए जाना जाता है वही दूसरी तरह उन्हें अपने स्वामी (श्री राम) के प्रति अटूट श्रद्धा के लिए भी माना और सराहा जाता है. ऐसी श्रद्धा जिसका पूरक आज तक कोई और उदहारण ना बन पाया. उत्तर भारत में हनुमान जयंती जोरो-शोरो से मनाई जाती है. कई लोग उपवास करते है और विधिवत घरो में पूजा करते है. पर सबसे ज्यादा हनुमान जयंती पर भंडारे होते है उत्तर भारत में. लोग को भण्डारो में पूरी सब्जी के साथ मीठा शरबत भी दिया जाता है.
बच्चो में भी हनुमान जी के लिए प्यार खूब देखा जाता है. भगवान कृष्ण की बाल लीलाओ के साथ हनुमान जी की बाल लीलाये बड़ी ही मज़ेदार है और बच्चे उन्हें बड़े ही चाव से सुनते है. मेरे ३ साल के बेटे को हनुमान जी की सूर्य को निगल जाने वाली कहानी खूब पसंद है. और कई बार हम बच्चो को डर के समय हनुमान जी को याद करने को बोलते है. उन्हें हम कहानियो से ये भी बतला देते है कि हर तरह का भूत हनुमान जी से डरता है. कई बच्चे तो हनुमान जी के जैसे बलवान और बुद्धिमान बनना चाहते है.
हिन्दू धर्म के ग्रंथो में लिखा है कि भक्त और भगवान् दोनों ही हमेशा एक दूसरे के ऋणी रहते है. भक्त जितनी निस्वार्थ सेवा करते हैं दूसरो की, भगवान उतना ही प्रसन्न हो अपने श्रद्धालु को खुश रखते है. और भगवान् की जितनी कृपा अपने श्रद्धालुओ पर रहती है, वो भी उतनी ही सेवा और भक्ति से भगवान् को खुश करने की कोशिश करते है. इसी मान्यता से हिन्दू धर्म में जरूरतमंद लोगो की मदद करने को बड़ा अच्छा माना जाता है. मानव सेवा को प्रभु सेवा कहा जाता है और इसी वजह से लोग दान और भंडारे करते है. हनुमान जयंती पर भी भंडारे में लोगो को खाना और गर्मी से बचाने के लिए शरबत दिया जाता है.
अगर आप अपने घर पर ही छोटा का कुछ काम करे जिससे किसी की सेवा हो और जरूरतमंद की मदद हो तो आप भी हनुमान जयंती की महत्ता का निर्वाह कर सकते है. अपने बच्चो के साथ कुछ ये छोटे छोटे काम करे आज के दिन :
१. पंछियो के लिए दाना और पानी रखे.
२. आस पास के पेड़ो में पानी दे.
३. किसी गरीब की मदद करे.
४. किसी जानवर को खाना खिलाये.
५. बच्चो को बताये कि दूसरो की मदद करने से बड़ा कोई और काम नहीं है दुनिया में. वही सबसे बड़ी भक्ति है ईश्वर की.
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